
हस्तरेखा के अनुसार हथेली में अंगूठे से पहली उंगली यानी इंडेक्स फिंगर को ही तर्जनी उंगली कहा जाता है। इस उंगली के नीचे हथेली में जो जगह है उसे गुरु पर्वत कहा जाता है, इसी वजह से इसे गुरु की उंगली भी कहते हैं। अन्य उंगलियों की तरह इस उंगली के भी 3 हिस्से होते हैं। जिन्हें हस्तरेखा शास्त्र में पर्व या पोर के नाम से जाना जाता है। इसके पहले पर्व में मेष राशि, दूसरे में वृष और तीसरे हिस्से में मिथुन राशि होती है। वैसे तो यह उंगली मीडिल और रिंग फिंगर से छोटी होती है लेकिन इसका मीडिल फिंगर के बराबर होना बहुत ही शुभ माना जाता है।
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